Tuesday, September 14, 2010

वो बादल

खयालो की भाप से बने,
उमंगो और आशाओ के बादल।
ख्वाबो के आसमान में ठहरकर,
बरसेंगे खुशियों की बरसात बनकर ।

6 comments:

  1. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति .....बधाई

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  2. shabdo kp pirokar bahut khubsurat baat kah di ..
    bahut sundar!

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  3. आपकी टिपण्णी के लिए और उत्साह वर्धन के लिए बहुत बहुत शुक्रिया!
    सुन्दर भाव और अभिव्यक्ति के साथ आपने लाजवाब पंक्तियाँ प्रस्तुत किया है जो प्रशंग्सनीय है! बहुत बढ़िया लगा! उम्दा प्रस्तुती!

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  4. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति .....

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