Tuesday, November 30, 2010

उगता सूरज

मखमली घास सा उगता सूरज।
माँ के कोमल स्पर्श जैसा उगता सूरज।
मासूम सी मुस्कान बिखेरता उगता सूरज ।
ऊँगली पकड़ नयी राह दिखाता उगता सूरज ।
चुनोतियों के पथ ले जाता उगता सूरज ।
सफलता की मंजिल पर पहुंचाता उगता सूरज ।

Tuesday, November 16, 2010

घोटाले

आदर्शवादी होने का दम हैं भरते,
आदर्शो का ढोल हैं पीटते।
किन आदर्शो की राह पर चलकर,
कैसे -कैसे आदर्श घोटाले करते।
खेल धोखेधडी और स्वार्थ का खेलते,
खेल,खेल की भावनाओ से खेलते।
अब खेल होता हैं खत्म तुम्हारा,
अब बेकार की सफाई , क्यूँ देते फिरते।

Monday, November 8, 2010

संघर्ष

संघर्ष भट्टी एक आग की,
जिसमे हम खुद को तपाया करते हैं।
तप कर इस अग्नि मे,
हम कुंदन बन जाया करते हैं ।
संघर्ष एक विशाल महासागर गहरा,
जिसमे हम खुद को डूबाया करते हैं।
डूब कर इस सागर मे,
हम मोती चुन लाया करते हैं ।
संघर्ष एक राह कांटो की,
जिसमे हम खुद को चलाया करते हैं।
चल कर इस राह मे,
हम मंजिल को पा जाया करते हैं ।