Monday, March 5, 2012

होली हैं

भर लो मुट्ठी मैं रंग अबीर और गुलाल।
हवा मैं बिखरावो इसे,सतरंगी बन जाए ये संसार।
ख़ुशी की फुहार से करदो सबको सरोबार।
भूल कर सारे गिले -शिकवे प्रेम से मिलो सबसे आप।
यही सन्देश देता हैं होली का यह त्यौहार।


3 comments:

  1. होली की हार्दिक शुभकामनाएँ!

    सादर

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  2. होली की हार्दिक शुभकामनायें!

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  3. भूल कर सारे गिले -शिकवे प्रेम से मिलो सबसे आप !
    वाह !
    आदरणीया शीतल जी
    सस्नेहाभिवादन !

    सुंदर भावों के साथ अच्छी अभिव्यक्ति के लिए आभार !

    अगली होली तक के लिए बीती होली की शुभकामनाएं !
    :)

    ~*~नवरात्रि और नव संवत्सर की बधाइयां शुभकामनाएं !~*~
    शुभकामनाओं-मंगलकामनाओं सहित…
    - राजेन्द्र स्वर्णकार

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