Sunday, January 22, 2012


Thinking of what to write....

शहर से दूर गाँव में॥
एक प्यारा सा घर ॥

7 comments:

  1. चलिये इन लाइनों को मैं विस्तार देने की कोशिश करता हूँ :)
    शायद आपको अच्छी लगें--
    --------------------------------
    शहर से दूर गाँव में
    एक प्यारा सा घर......
    जिसके चारों तरफ
    रह रह कर मुझ को
    हौले से छू कर
    निकल जाएगी
    ठंडी हवा
    आम और पीपल के
    ऊंचे दरख्तों पर टंगा
    मेरा झूला
    दिला देगा याद
    बचपन की मस्ती की
    खेतों को ढके हुए
    सरसों के पीले फूल
    जगह जगह
    अपनी जगह बनाए गेंदा
    बे लगाम उड़ती तितलियाँ
    मदमस्त भौंरे
    जैसे वो घर न हो
    साक्षात स्वर्ग हो
    शहर से दूर
    गाँव मे
    पगडंडी के किनारे
    अपनी मिट्टी की
    बेसुध कर देने वाली
    सोंधी खुशबू बिखेरता हुआ।



    सादर

    ReplyDelete
  2. सुंदर स्केच ...यशवंत की लिखी पंक्तियाँ भी खूब बन पड़ी हैं....

    ReplyDelete
  3. एक प्यारा सा घर
    शहर से दूर गांव में
    जहाँ सोंधी सी खुशबू
    आती है रिश्तों में |

    ReplyDelete
  4. शहर से दूर गाँव में
    एक प्यारा सा घर
    और माँ के हाथ से
    कच्चे चूल्हे पर बनी रोटी
    जिसे पहले लेने को झगडना
    आपस में
    आता है अब भी नज़र
    रोज सपने में.

    ReplyDelete
  5. बहुत सुन्दर स्केच बनाया है आपने!
    शहर से दूर गाँव में
    एक प्यारा सा घर
    रंग-बिरंगे फूल से सजी
    है मेरा घर का आंगन
    जिसकी खुशबू बिखरे हैं
    घर के कोने कोने पर !

    ReplyDelete
  6. शहर से दूर गाँव में॥
    एक प्यारा सा घर ॥

    -Mera pura nagar!!

    ReplyDelete
  7. अच्छा चित्र है ... हाथ की कलाकारी ... गाँव का घर ...

    ReplyDelete