Friday, June 18, 2010

जीते जी ना किया तुमने हमारा मान,
जाने के बाद हमारे देने आये हो सम्मान।
श्रद्धा के फूल चढ़ा कर कहते हो,
वो थे एक महान इंसान।
आखिर मरने के बाद इन्सान,
क्यों हो जाता है मूल्यवान।

2 comments:

  1. बिल्कुल, मूल्यवान बनने के लिए मरना आवश्यक है।
    घुघूती बासूती

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  2. सटीक कहा है...जो चीज़ पास नहीं होती वही ज्यादा अच्छी लगती है...

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