Wednesday, June 23, 2010

बरखा का मौसम .

गर -गर -गर -गर बदरा गरजे ।
चम-चम -चम -चम बिजुरिया चमके।
सन -सन -सन -सन चले हवा ।
रिमझिम -रिमझिम पड़े फुहार ।
पपीहे ने मचाया शोर ।
मोर नाचे भाव -विभोर ।
प्यासी धरती ने प्यास बुझाई ।
चारो तरफ हरियाली छाई
खिल उठे सबके तन-मन ।
आया जो ये बरखा का मौसम ।

2 comments:

  1. बहुत खूब ..सुन्दर बरखा बहार

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  2. बिल्कुल .....हर तरफ बरखा बहार है...

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