चलिये इन लाइनों को मैं विस्तार देने की कोशिश करता हूँ :) शायद आपको अच्छी लगें-- -------------------------------- शहर से दूर गाँव में एक प्यारा सा घर...... जिसके चारों तरफ रह रह कर मुझ को हौले से छू कर निकल जाएगी ठंडी हवा आम और पीपल के ऊंचे दरख्तों पर टंगा मेरा झूला दिला देगा याद बचपन की मस्ती की खेतों को ढके हुए सरसों के पीले फूल जगह जगह अपनी जगह बनाए गेंदा बे लगाम उड़ती तितलियाँ मदमस्त भौंरे जैसे वो घर न हो साक्षात स्वर्ग हो शहर से दूर गाँव मे पगडंडी के किनारे अपनी मिट्टी की बेसुध कर देने वाली सोंधी खुशबू बिखेरता हुआ।
बहुत सुन्दर स्केच बनाया है आपने! शहर से दूर गाँव में एक प्यारा सा घर रंग-बिरंगे फूल से सजी है मेरा घर का आंगन जिसकी खुशबू बिखरे हैं घर के कोने कोने पर !
चलिये इन लाइनों को मैं विस्तार देने की कोशिश करता हूँ :)
ReplyDeleteशायद आपको अच्छी लगें--
--------------------------------
शहर से दूर गाँव में
एक प्यारा सा घर......
जिसके चारों तरफ
रह रह कर मुझ को
हौले से छू कर
निकल जाएगी
ठंडी हवा
आम और पीपल के
ऊंचे दरख्तों पर टंगा
मेरा झूला
दिला देगा याद
बचपन की मस्ती की
खेतों को ढके हुए
सरसों के पीले फूल
जगह जगह
अपनी जगह बनाए गेंदा
बे लगाम उड़ती तितलियाँ
मदमस्त भौंरे
जैसे वो घर न हो
साक्षात स्वर्ग हो
शहर से दूर
गाँव मे
पगडंडी के किनारे
अपनी मिट्टी की
बेसुध कर देने वाली
सोंधी खुशबू बिखेरता हुआ।
सादर
सुंदर स्केच ...यशवंत की लिखी पंक्तियाँ भी खूब बन पड़ी हैं....
ReplyDeleteएक प्यारा सा घर
ReplyDeleteशहर से दूर गांव में
जहाँ सोंधी सी खुशबू
आती है रिश्तों में |
शहर से दूर गाँव में
ReplyDeleteएक प्यारा सा घर
और माँ के हाथ से
कच्चे चूल्हे पर बनी रोटी
जिसे पहले लेने को झगडना
आपस में
आता है अब भी नज़र
रोज सपने में.
बहुत सुन्दर स्केच बनाया है आपने!
ReplyDeleteशहर से दूर गाँव में
एक प्यारा सा घर
रंग-बिरंगे फूल से सजी
है मेरा घर का आंगन
जिसकी खुशबू बिखरे हैं
घर के कोने कोने पर !
शहर से दूर गाँव में॥
ReplyDeleteएक प्यारा सा घर ॥
-Mera pura nagar!!
अच्छा चित्र है ... हाथ की कलाकारी ... गाँव का घर ...
ReplyDelete