यह मुंबई की बरसात हैं।
यह मुंबई की बरसात हैं।
किसी के लिए सौगात खुशियों की,
तो कही मुसीबत की मार हैं।
यह मुंबई की बरसात हैं ।
कोई मोती की इन बूंदों से खेले,
कोई अपनी टपकती छत को देखे।
किसी के लिए मौसम खुशगवार हैं,
तो किसी के लिए परेशानी की धार हैं।
यह मुंबई की बरसात हैं ।
यह मुंबई की बरसात हैं ।
कही लोकल ठप्प हैं,
कही सडको पर जाम हैं।
अनगिनत गड्ढो से बिगड़ते हरदम हालत हैं
फिर भी मुस्कुराकर मुंबईकर,
हर मुसीबत से लड़ने को तैयार हैं।
यह मुंबई की बरसात हैं।
यह मुंबई की बरसात हैं।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
बहुत बढ़िया लिखा है आपने। मुंबई की बरसात बहुत खास होती है :)
ReplyDeleteसादर
शीतल जी
ReplyDeleteबहुत ख़ूब !
किसी के लिए सौगात खुशियों की,
तो कही मुसीबत की मार हैं।
यह मुंबई की बरसात हैं ।
अच्छा चित्र खींचा है आपने … आभार !
हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !
-राजेन्द्र स्वर्णकार
बहुत सुन्दरता से आपने मुंबई के बरसात को शब्दों में बखूबी पिरोया है! बेहतरीन कविता!
ReplyDeletewonderful piece of writing!
ReplyDeleteReally enjoyed reading it!!!!!!!!!!
मुम्बई की बरसात के दर्शन करा दिए ..बहुत सुन्दर प्रस्तुति ...
ReplyDeleteऔर हाँ दोस्ती करने के लिए पूछना पड़ता है क्या ? और रही बोर होने की बात तो बोर तो इंसान अपने आप से होता है .. :):) सस्नेह
आपको एवं आपके परिवार को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें!
ReplyDeleteमेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://seawave-babli.blogspot.com/
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
वाह! क्या बात है बरसात की
ReplyDeleteवो भी मुंबई की.
सुन्दर प्रस्तुति है आपकी.
मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है.
आपको एवं आपके परिवार को गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनायें!
ReplyDeleteयह मुम्बई की बरसात है...क्या खूब लिखा है
ReplyDeleteआपका मेर्र ब्लॉग http:dheerendra11.blogspot.com में
स्वागत है,
आपको एवं आपके परिवार को दशहरे की हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें !
ReplyDelete