इतना याद किया इस दिल ने तुझको की,
तेरी याद इस दिल मे नासुर बन कर रह गयी.
ना निकालते बनता हे, ना रखते बनता हे.
हर पल इस दर्द के साथ जीना पड़ता हे.
तेरी याद इस दिल मे नासुर बन कर रह गयी.
ना निकालते बनता हे, ना रखते बनता हे.
हर पल इस दर्द के साथ जीना पड़ता हे.
बहुत ही बढ़िया
ReplyDeleteसादर
shukriya yashwant ji
Deleteओह .... मार्मिक
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