संघर्ष भट्टी एक आग की,
जिसमे हम खुद को तपाया करते हैं।
तप कर इस अग्नि मे,
हम कुंदन बन जाया करते हैं ।
संघर्ष एक विशाल महासागर गहरा,
जिसमे हम खुद को डूबाया करते हैं।
डूब कर इस सागर मे,
हम मोती चुन लाया करते हैं ।
संघर्ष एक राह कांटो की,
जिसमे हम खुद को चलाया करते हैं।
चल कर इस राह मे,
हम मंजिल को पा जाया करते हैं ।
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तप कर इस अग्नि मे,
ReplyDeleteहम कुंदन बन जाया करते हैं ।
सटीक बात ...अच्छी अभिव्यक्ति
hmm... "Struggles" are good, and sheetal ji i am completely agree with your thought, but somehow i think that over-struggles can kill the imaginative thinking of a person...
ReplyDeleteLike Pash have said:
"Sabse bura hota hai hamare sapno ka mar jana",
Aur yeh Sapne kabhi-kabhar sangharsh karte-karte yun hi khatam ho jate hain...
But good expression on part of your pen...
संघर्ष एक राह कांटो की,
ReplyDeleteजिसमे हम खुद को चलाया करते हैं।
बिलकुल!ये एक सच है जिसे आपने शब्द दिए हैं.बहुत अच्छा है आप का ब्लॉग.
तप कर इस अग्नि मे,
ReplyDeleteहम कुंदन बन जाया करते हैं
bahut khoob likha aaapne...