संजय दत्त जी कहते है की वोह गांधीगिरी करने आए है। लेकिन वोह नेतागिरी कर रहे है।गांधीजी ने सबको अहिंसा
का पाठ पढाया था। लेकिन संजय दत्त अपने भड़काऊ भाषण से और लोगो के दिल मैं नफरत की भावनाओ को और भड़का रहे है । वोह अब यह क्यूँ कह रहे है की जेल मैं उनको इसलिए प्रताडित किया गया क्यूंकि वोह एक मुस्लिम माँ के बेटे है । इतने साल उन्होंने यह यातना क्यूँ सहन की ,क्यूँ नही तब मुह खोला । अगर यह सब हो रहा होता तो क्यां उनके पिताजी यह सब देख कर चुप रहते । अगर सच मैं गांधीगिरी करना है तो लोगो के मन से धर्म के नाम पर जात -पात के नाम पर जो दीवार उठी है , अपने सही प्रयासों से उस दीवार को गिराए राजनीति मैं आ ही गए है तो सचमुच गांधीजी के नक्शेकदम पर चलकर बतलाये ।
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