Tuesday, December 11, 2012

waqt

वक़्त  धूप -छाँव  हैं,
नित  नया  अहसास  हैं।
वक्त  कैनवास  हैं,
नित  नये  रंगों  की  बोछार  हैं।
वक़्त  जादूगरी  हैं,
नित  नए  अजूबों  की  राह  है
वक़्त  एक  सवाल  हैं,
नित  हम  ढूंढ़ते  जवाब  हैं।
वक्त  रेत  हैं, वक्त पानी  हैं,
वक़्त  बहती  हवा  हैं।
नित  इसे  रोकने  का  करते  हम
असफल  प्रयास  हैं।