Monday, May 16, 2011

धर्म

राम,अल्लाह, नानक, येशु और साईं,
यह सब ही हैं सर्व शक्तिमान।
कभी नहीं करते हैं यह,
आपस में कोई भेद -भाव ।
पर इनके बन्दे हम इन्सान,
कब समझ पायेंगे यह बात।
कोई धर्म न नीचा होता हैं न ऊंचा,
सारे ही होते हैं एक समान।
लड़ो न तुम आपस में,
न बढाओ तुम कोई विवाद ।
चाहे मंदिर बने या मस्जिद रहे,
इससे क्या फर्क पड़ता हैं ।
हर पूजा या इबादत का स्थान,
हमेशा ही पवित्र होता हैं .

14 comments:

  1. राम,अल्लाह, नानक, येशु और ,
    यह सब ही हैं सर्व शक्तिमान।
    सहमत हे जी आप के इन विचारो से बहुत सुंदर रचना

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  2. शीतल जी पहले तो मैं आपका तहे दिल से शुक्रियादा करना चाहती हूँ मेरे ब्लॉग पर आकर सुन्दर टिपण्णी देकर मेरा हौसला बढ़ाने के लिए और एक ख़ूबसूरत कविता पेश करने के लिए आपका धन्यवाद! मेरी शायरी तो आपकी शानदार कविता के सामने फीकी पर गयी! लाजवाब कविता लिखा है आपने और आपकी टिपण्णी पाकर तो मेरे लिखने का उत्साह दुगना हो गया! पश्चिम बंगाल में ममता जी और तमिलनाडु में जयललिता जी की जयजयकार हो रहा है और जैसा आपने कहा है देखते हैं आख़िर जनता के लिए क्या करते हैं! वैसे सारे नेता एक समान होते हैं! वोट मिल जाए उसके बाद अपने बात से मुकड़ जाते हैं!
    कोई धर्म न नीचा होता हैं न ऊंचा,
    सारे ही होते हैं एक समान।
    लड़ो न तुम आपस में,
    न बढाओ तुम कोई विवाद ।
    बहुत सुन्दर और सटीक पंक्तियाँ हैं! बिल्कुल सही कहा है आपने इस रचना के माध्यम से की कोई धर्म ऊँचा या नीचा नहीं होता बल्कि ये तो इंसान का सोच है! बेहद पसंद आया! इस उम्दा रचना के लिए बधाई!

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  3. शीतल जी आपने तो बहुत सुन्दर शायरी टिप्पणी द्वारा प्रस्तुत किया है जो मुझे बेहद पसंद आया! धन्यवाद!

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  4. चाहे मंदिर बने या मस्जिद रहे,
    इससे क्या फर्क पड़ता हैं ।
    हर पूजा या इबादत का स्थान,
    हमेशा ही पवित्र होता हैं .

    बिलकुल सही और सच्ची बात कही आपने.

    सादर

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  5. बहुत अच्छा लगा आपकी टिप्पणी मिलने पर!

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  6. बहुत सुन्दरता से आप टिप्पणी देते हैं जिससे लिखने का उत्साह दुगना हो जाता है! आपके नए पोस्ट का इंतज़ार है!

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  7. आपकी उत्साहवर्धक टिप्पणी के लिए बहुत बहुत शुक्रिया!

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  8. मेरे खानामसाला ब्लॉग पर आपकी टिप्पणी के लिए बहुत बहुत शुक्रिया! मैंने स्टाफ करेले की सब्जी खायी है और मुझे बेहद पसंद है! नारियल देकर बनाती हूँ मैं और कभी कभी आलू करेले की सब्जी तो कभी गाजर और करेले मिलाकर सब्जी बनाती हूँ! आपको मेरा करेला दाल रेसिपी पसंद आया उसके लिए धन्यवाद!

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  9. माफ कीजिएगा शीतलजी कई दिनों से ब्लाग पर टिपटिपाने का समय नहीं निकाल पाया, और आलसीपन का आलम यह कि आप जैसी प्रोत्साहक के स्नेहशील शब्दों का आभार भी व्यक्त न कर सका।
    बहरहाल शीतल जी,इंसान ने तो भगवान नामक शब्द का सृजन किया फिर अपने अपने हिसाब से इसके रूप भी रच लिए, अच्छा प्रयास

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  10. कल 20/06/2011को आपकी एक पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की गयी है-
    आपके विचारों का स्वागत है .
    धन्यवाद
    नयी-पुरानी हलचल

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  11. बहुत प्रेरक रचना है...लिखती रहें...
    नीरज

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  12. सोचता हूं, यह किताब आपको बचपन की याद दिला देगी
    http://www.scribd.com/doc/6654723/Nikolai-NosovThe-Adventures-of-DUNNO-and-His-Friends

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  13. आपकी उत्साहवर्धक टिप्पणी के लिए बहुत बहुत शुक्रिया!
    मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
    http://seawave-babli.blogspot.com/

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  14. यहाँ भेद तो हमने बनाया है ...वो भला कहाँ भेद करता है!!

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